जिंदगी का सफर || Short Hindi Kavita

 

जिंदगी का सफर ..................................

हम क्या गलती की जो तु ने मुझे इतनी बरी सझा दी 

जब हम माफी मांगी तब थोड़ी सी दया दी

भूख के मारा चार रोज से 

यही प्रक्रिया या है हर रोज के 

मौत भी नशीब नहीं 

जिंदगी जीने का कोई तरकीब नहीं 

मौत है शाया मेरा 

जिंदगी है पराया मेरा 

जिंदगी की यह हर एक आँशु 

मेरे जीवन का हुआ बिनाशु 

जीवन तो जी लेंगे 

दुःख का जहर पि लेंगे 





लेखक :- Shailendra Bihari 

 

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