भीगी हुई बरसात में
बूंद बूंद के साथ में
एक ही मुलाकात में नखरे वाली साथ में
घर के ही पास में आई थी बरसात में
धड़कन के टकरार में दिल की बुखार में
लेखक :- शैलेंद्र बिहारी
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