जगत का उज्यारी
मां दुर्गा एक नारी
मां मुझे ऐसी दे ज्ञान
सबको इज्जत करूं
सबको सम्मान
मां तेरी चरणों की ऐसी धूल
तीनों जगत में कोई नहीं मूल
मां के चरणों में है सम्पूर्ण जगत जारा
जिसे मिल गए वो सब में रखते भाईचारा
मां के पैरों तले अमृत बहे जगत सारी
जो मां के भक्ति में लीन हुए वही इसका हकदारी
लेखक : शैलेंद्र बिहारी
Ma Durga Shayari Hindi
Shailendra Bihari Shayari
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