प्रेम रोग एक ऐसी माया है 💞 Hindi Love Poem

 ना जाने कहीं से एक ऐतवार आया

मैसेज पर मैसेज का बौछार आया

सोते जागते उसी की खयाल आया
ना जाने किस मोड़ पर प्यार आया

दिल में उसकी मैं था पर कहने से वो शर्माती थी
उसकी हर बात की एक मीठी रिप्लाई मुझको भाती थी

दिल की बात मुझको बोलने से वो छुपाती थी
ना जाने उसकी कौन सी धर्म और जाति थी

2 दिन बीत गए तब मैने सोच लिया
तीसरे दिन जाकर मैंने उसे प्रोपोज किया

वो दो दिन तक लगभग इतराई थी
हम दोनों को दोस्ती की नाता बताई थी

दोस्ती की नाता मैंने अस्वीकार किया
तब जाकर उसने मुझसे प्यार किया

प्रेम रोग एक ऐसी माया है
धूप लगे तो छतरी के जैसी छाया है
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Lekhak :- Shailendra Bihari 

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