प्यार की पंछी । Pyar ki Panchhi Hindi Short Kavita

 

प्यार की पंछी उड़े गगन में
धरती से ऊपर उड़े चमन में

आशमा नीला नीला गगन में
धरती आशामा के दमन में

उड़ते पंछी मुड़े उमंग में
चहकते पंछी चले गगन में

उमरते भीर अपने मगन में
चहचती पंछी मधुर मगन में 

Lekhak:- Shailendra Bihari 






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