पुरानी यादें । हिंदी शायरी । बच्पन की यादें शायरी



बीते हुए लम्हे कैसे याद दिलाऊं
छोटी-छोटी बातों पर घर छोड़ने का प्लान बनाऊं
फिर बहुत अमीर बनके घर लौट आऊं
यही सोच के अब मन ही मन मुस्काऊं 



By . Shailendra Bihari 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ