रात में
साक्षी : हेलो !
मैं : हां हेलो
साक्षी : खाना खाया आपने
मैं : हां खा ली आप
साक्षी : तुरंत अभी
मैं : आज शाम में क्यों दुखी थी ।
साक्षी : नहीं तो
मैं : हां सच बोलो
साक्षी : हां
मैं : क्यों मैं कुछ ज्यादा बोल दिया क्या
साक्षी : नहीं
मैं : तो
साक्षी : पता नहीं सैयद आपसे मिलने का मन करता होगा
मैं : चिंता मत करो हम दोनों ऐसे मिलेंगे ना चाह के भी नहीं जुदा हो सकते है ।
साक्षी : वही तो बस एक भरोसा है।
मैं : और भी है बस आप दुखी मत होना तब मुझे भी मन नहीं लगता है।
साक्षी : आप दुखी होंगे तो मैं टूट ही जाऊंगी ।
मैं : सब आप पर निर्भर है।
साक्षी : मैं नहीं हूं दुःखी
मैं : होना भी मत
साक्षी : नहीं होऊंगी।
मैं : और बताओ शादी की क्या बात चल रही है।
साक्षी : आप राधा से पूछना उसे सब कुछ मालूम रहती है ।
मैं : कहां है वो
साक्षी : वो अभी सोने आयेगी तब बात करना
मैं : ठीक है।
साक्षी : वो आ गई
लो बात करो ।
राधा : कौन है वही डरपोक
साक्षी : सैयद
राधा : उनसे मैं बात नहीं बात नहीं करूंगी
वो अपने आपको पता नहीं क्या समझते है ।
मैं : क्या समझता हूं मैं
राधा : आपसे बात नहीं करनी
आप बीच में मत बोलो
मैं : मैं बगल से बोल रहा हूं।
क्यों गुस्सा हो इतनी
राधा : मेरी दीदी मुझे सब कुछ बता देती है।
आप तो कुछ पूछने पर भी नहीं बताते
मैं : कुछ बात ऐसे होते है जो बच्चे को नहीं बताना बेहतर होते है ।
राधा : मैं बच्ची नहीं हूं।
मैं सब कुछ जानती हूं।
मैं : क्या सब जानती हो जरा मुझे भी बताओ
राधा : क्यूं बताऊं।
मैं : ठीक है मत बताओ
हमारी शादी की क्या बात हो रही है।
राधा : क्यों बताऊं
मुझे क्या मिलेगा
मैं : क्या चाहिए ।
राधा : मोबाइल चाहिए।
मैं : मोबाइल मत लो अभी बच्ची हो
राधा : आप भी शादी मत करो अभी आप पढ़ाई कर रहे हो ।
मैं : मेरा मजबूरी है।
राधा : मेरी भी मजबूरी है।
मैं : क्या है मजबूरी
राधा : वो क्यों बताऊं ।
मैं : BF और है क्या
राधा : हां है ।
मैं : अभी बच्ची हो ये सब मत करो पढ़ाई पर ध्यान दो ।
राधा : मेरी मर्जी
मैं : ठीक है जो मन करना है करो
अपने दीदी को दो फोन
राधा : इतना गुस्सा किसलिए मैं आपकी GF तो नहीं ।
मैं : आप कोई भी हो हमे लगा यहां बोलना चाहिए तो बोल दिए बाद बांकी सुनने वाले पर निर्भर है।
आप साक्षी को फोन दो
राधा : वो भी सुन रही है। नहीं वो नहीं सुन रही है वो उधर सोई है ।
मैं : वो सुन रही है। फोन दो
राधा : देखिए इतना गुस्सा ठीक नहीं
मैं : आप पर नहीं ना कर रहे है।
राधा : वो मेरी दीदी है ।
मैं : वो मेरी जान है ।
राधा : सभी लड़के यही बोलते
मैं : आपको कितने लड़का बोला है ये बात
राधा : एक भी नहीं
मैं : अभी तो बोली सभी लड़के ऐसे ही होते है ।
राधा : मेरी दोस्त लोग बोलते है।
मैं : यही है गलत संगत का असर
राधा : मेरे दोस्त लोग गलत नहीं है।
मैं : गलत गलत को नहीं परख पाते अपना राय अपने ही पास रखो तो सही है । इसका असर दूसरों पे ना छिरकें
ठीक है। रखता हूं।
0 टिप्पणियाँ