❤️ तेरे लिए 💔
मैं बरखा तू पानी
मैं राजा तू रानी
मैं देसी तू परदेशी
हम दोनों अपनाएंगे स्वदेशी
तू दूरी मैं दूर
ना जाने खुदा को कब होगें मंजूर
तू साथ मैं साथ
ना जाने ऐसी कब तक होंगे बात
तू रूठी मैं रूटा
ना जाने कब कैसी किस मोड़ पर ये बन्धन टूटा
मैं अनजान तू अनजानी
तू भी किसी दिन मेरी थी दीवानी
मेरी भूल या तेरी भूल
ना जाने ये कैसी असूल
बात करते हर रोज हर दिन
फिर क्यों नहीं जी लगता तेरे बिन
तू रूठी मैं मनाया
लेकिन पहले जैसा तुझको न पाया
तू मतलबी निकली वो रे बेचारी
तू है एक ऐसा नारी
दूसरों का पलड़ा चाहे कितना भारी
अपने लिए सोचती सारी
By :- Shailendra Bihari
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