समझौते का प्यार (भाग 19) Love Story | Contract Marriage | हिंदी कहानियां

 

मैं तुरंत उसके कमरा पर गया । और राधा को कॉल लगा कर बोले नीचे आ जाओ ।
वो तुरंत 2 मंजिल पर से ही इशारा की इस साइड से आ जाइए ।
मैं कमरा पहुंचा तो साक्षी सो कर रो रही थी । मैं उसके पास जाकर बैठ गया।
राधा : आपके हाथों में क्या हुआ पट्टी लगी है ।
मैं : छोटा सा घाव हो गया था।
राधा : तब आप परीक्षा कैसे दिए ।
मैं : छोड़ो ना फालतू की बातें
साक्षी : ( उठ कर हमें एक तमाचा लगा दी ) आज ही तो नही था , क्या किया बोलो सही से
मैं : गिर गए थे । चोट आ गई है।
साक्षी : तू सही से देख राधा ये गिरे की निशानी है ।
         आपको मेरी कसम सही सही बोलो




मैं : हाथ जल गए !
साक्षी : कैसे ?
मैं : गैस लाओ फिर से जला कर दिखा देता हूं।
साक्षी : आपने खुद से हाथ जलाया
मैं : छोड़ो ये सब बात मैं जा रहा हूं।
साक्षी : चुपचाप बैठे रहो , बस खुद से जलाया की नहीं हां या ना में जवाब दो ।
मैं : हां
साक्षी : क्यों गलती तो मेरी थी ना
मैं : नहीं मेरा था ।
साक्षी : चुप रहो । मेरी गलती के कारण आप हांथ जला लिए ।
राधा : सच में आप पागल से भी ज्यादा पागल हो पागल भी खुद के हाथ नहीं जलाते।
मैं : तुम्हारी दीदी पर आज तक कोई नहीं ना हाथ छोड़े थे , पहली यही हाथ न जाने बात बात पर ही छूट गए इसलिए ।
साक्षी : बस करो अपने आप को ज्यादा होशियार समझते हो , अब बोलो परीक्षा कैसे दोगे ।
मैं : अगली बार दे देंगे
साक्षी : मैं भी अगले बार ही दूंगी
मैं : इस बार क्या हुआ
साक्षी : आपको क्या हुआ
मैं : सब तो देख ही रही हो
साक्षी : हम भी दिखा देंगे
राधा : सच में आप दोनों पागल हो गए हो
मैं : अगर मेरे वजह से आप कुछ की तो आज तो दोस्त सब बचा लिया लेकिन हमेशा दोस्त भी नहीं रहते हैं साथ में
साक्षी : आप हाथ जला कर क्या जताना चाहते हो मैं बहुत प्यार करता हूं। तो क्या मैं भी जला लूंगी तो क्या गलत
मैं : तू अब थोड़ा सा भी जली ना तो तू नहीं मैं जलूंगा
    बस इतना बात याद रखना
साक्षी : आपका भी परीक्षा भी कल छूटा ना तो समझ लेना मेरी भी छूट गई ।
मैं : अबे देख नहीं रही हो घाव है मेरे हाथों में
साक्षी : किसने किया ये घाव
मैं : मैं
साक्षी : तो आपको ही दर्द सहना पड़ेगा ।
         अभी चलो दूसरे हॉस्पिटल
         अभी मेरा करेजा फट रहा है ।
         सब मेरी वजह से हुआ है।
मैं : अब रो मत जो होना था हो गया ।
साक्षी : आप इसे होनी बोल रहे हो
         मैं राधा के सामने रोना नहीं चाहती थी ।
          अब लग रहा है मुझे रोने का मन क्यों लग रहा था।

मैं : चुप हो जाओ सब मेरा ही गलती है । मैं ना आज भूलता न ये सब होता ।

राधा : क्या यार दोनों अपने आप को दोष दे रहे हो
        दीदी चलो दावा दिला देते है।
मैं : दावा सब ले लिए है कमरा में है सब दवा
राधा : चलो ना जल्दी ठीक होने वाले लेते है।
मैं : नहीं यार सब यही दावा सब है ।
    दोस्त लोग बोले थे कल इसका परीक्षा है । जल्दी ठीक होने वाला दावा दे दो ।

ठीक है मैं चलता हूं।
साक्षी : मैं भी
मैं : राधा आप ही समझाओ क्या बोल रही है।
    बस कुछ दिन और उसके बाद हम साथ रहेंगे ।
साक्षी : इतनी कष्ट में आपको अकेले कैसे छोर दूं।
मैं : अरे पगली दोस्त लोग है मेरा अभी आने भी नहीं दे रहा वो तो राधा भी रोने लगी तो मुझे रहा नहीं गया ।
ठीक है चलता हूं।
साक्षी : अपना ख्याल रखना मेरे लिए

मैं : आप भी


Lekhak:- Shailendra Bihari 


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2 टिप्पणियाँ

  1. शादी करना हे शाकीर अंनसारी दिल्ली में रहता हु महीना कमाता हु 22000/8595061239

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    1. शादी करना हे बिहार से8595061239
      शाकीर अंनसारी दिल्ली में रहता हु महीना कमाता हु 22000

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