समझौते का प्यार (भाग 17 ) Love Story | Contract Marriage | हिंदी कहानी

परीक्षा में बस एक ही दिन बचे है , समय भी कितना तेजी से निकल रहे हैं।

साक्षी भी कमरा ले ली है । वो बुला रही है जल्दी आओ मिलना है हमें तीन चार बार 1 घंटा में कॉल कर दी है ।
कितने दिनों के बाद मैं उससे मिलने जा रहा हूं । बहुत खुश हूं, परीक्षा से ज्यादा उसकी ओर मेरी ध्यान बह रहा है कब उससे मिलु। लो देखो फिर साक्षी कॉल कर दी ।

साक्षी : हेलो
मैं : हां बोलो
साक्षी : कब आ रहे हो
मैं : अभी थोड़ा देर में
साक्षी : अभी अभी
मैं  : ठीक है वहीं पार्क में आओ
साक्षी : ठीक है।




मैं : ( मैं निकल गया हूं साक्षी से मिलने , पार्क भी आ गए । मैं उसे पार्क में ढूंढ रहा हूं, वो थोड़े दुर पर है। वो दूसरी ओर घूर कर किसी से बात कर रही है, मैं भी उसके पीछे में  जाकर बैठ गया, वो किसी लड़की की बोल रही थी यार बहुत दिन के बाद मिलूंगी उससे बहुत घबराहट हो रही , क्या सब बातें करू सब भूल गई हूं । )
मैं : जो मर्जी कर सकती हो
साक्षी : आप कब आए ।
मैं : 5 मिनट पहले
साक्षी : चोर की तरह आकर बैठ गए।
मैं : तो क्या करता लगी थी फोन पे
साक्षी : बहुत दुबले लग रहे हो
मैं : आप मोटी लग रही है।
      लगता है घर वाले बहुत प्यार करते हैं।
साक्षी : वो तो है।
मैं : तो और बताओ
साक्षी : क्या बताऊं
मैं : कुछ भी
साक्षी : मुझे कुछ याद नहीं
मैं : क्यों
साक्षी : पता नहीं लेकिन अभी सब भूल गई हूं
मैं : इतना धीरे क्यों बोल रही हो थोड़ा जोर हम भी सुन लें
साक्षी : अब कितना जोर से बोलूं
मैं : जितना मन करे
साक्षी : सब सुन लेंगे
मैं : तो क्या होगा
(वो धीरे धीरे अपना हाथ बढ़ा कर मेरे हाथों में दी और तभी से एक नजर मेरे आंखों में देखी , इतनी मासूमियत भरी थी की कुछ भी कर जाऊं उसके लिए सच में पहले फिल्म देखते थे तो कहते थे इतना प्यार नहीं होता सब दिखावा है , आज मानो हमें लग रहा है दुनियाँ की सारी खुशी इस एक पल में मिल गई । )
साक्षी : पता नहीं
मैं : कब होंगे हम दोनों की शादी
साक्षी : जब भी हो दूल्हे तो आप ही होंगे ।
मैं : काश ये बात सत्य हो जाए
साक्षी : आप ऐसा मत बोलो ।
मैं : ठीक है।
साक्षी : राधा भी आई है , वो कमरे में है अभी
मैं : उसका नाम मत लो
साक्षी : जैसा आप समझ रहे हो वो ऐसी नही है।
         वो भोली है , वो आपसे मज़ाक कर रहे थे बस
मैं : छोड़ो ये सब बाते
साक्षी : वो आपसे मिलना चाहती है।
मैं : मुझे नहीं मिलना
साक्षी : मम्मी भेजी है। आपको देखने
मैं : सच
साक्षी : हां बस मम्मी को ही ये बात मालूम है।
         उसे हम राधा बहुत बात करके मनाई हूं।
मैं : ठीक है। तब मिल लूंगा
    कब मिलना है ।
साक्षी : इतना जल्दी भी क्या है। अभी 10 रोज रहेगी वो     भी
मैं : ठीक है।
साक्षी : अब पार्क में नहीं किसी होटल में
          रुपया और है ना
मैं : आप हो ना
साक्षी : मैं तो हूं ही वहा राधा बिल देगी लेकिन आपको देना है ।
         अभी ले लो रुपया हमसे
मैं : अरे बाबा है रुपया मेरे पास भी
साक्षी : तब तो ठीक है।
         और वहां अकर मत दिखाना , कुछ भी हो मुस्कान रहनी चाहिए।
मैं : ठीक है। याद दिला देना
साक्षी : अब मैं चलूं
मैं : इतनी जल्दी भी क्या है।
साक्षी : राधा को नहीं पता है वो सो रही थी।
         वो गार्ड भी बन कर आई है। इतना समझ लो
मैं : ठीक है।
     चलो उस गेट से निकल जाते है ।


Lekhak:- Shailendra Bihari 


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