समझौते का प्यार (भाग 2) Love Story | Contract Marriage

                     चौथे दिन
इस दिन की सुरवात काफी रोमांचक होने वाली है।
मैं आज बहुत सबेरे जग गया हु , और बार बार समय देख रहा हु की कब उसे फिर से देख सकूं लगता है मुझे प्यार हो गया ।
दूसरे दिन की तरह मैं आज भी कक्षा सबेरे समय से पहले आ चुका हु अभी कोई विद्यार्थी नहीं आया है और मैं अकेले बैठा हूं
थोड़ी ही देर में वो लड़की कक्षा में आ गई और अपने बेंच पर बैठ गई और एक नजर मेरे ओर देख कर होठ पर थोड़ी सी मुस्कान लाई मैं भी थोड़ा मुस्कुरा दिया ।
और वो फिर कॉपी पर कुछ लिखने लगी ।
मैं भी किताब देखने लगा थोड़ी ही देर में लड़की फिर मूर कर देखी और बोली ।
क्या आप मुझे जानते है ।
मैंने बोला नहीं पहले आपको हम कहीं नहीं देखे है और आप कहीं मुझे देखी हो ।
लड़की  : नहीं मुझे लगा सायद आप मुझे जानते है ।
इसलिए पूछ ली अच्छा आपका घर कहा हुआ ।
मैं : बासोपट्टी के आस पास और आपका ?
लड़की : जी मेरा सुपौल जिला घर हुआ ।
मैं : ओ ! 
             आपका शुभ नाम
लड़की : साक्षी  और आपका
मैं : अमरजीत 
साक्षी : आप यहां पर कहां रहते हैं।
मैं : जी नाका 5 के पास और आप
साक्षी : दोनार में  आप पहली दिन की कक्षा के कॉपी दे सकते है।
मैं : क्यों नहीं आप कक्षा समाप्त होने के बाद ले सकते हैं।
साक्षी : ठीक है।
मैं : जी
           थोड़े ही देर में विद्यार्थी सब आने लगे और पूरी कक्षा भर गए सर भी आ गए ।
सर ने पढ़ना शुरू किया ।
और देखते ही देखते समय समाप्त हो गया । सभी विद्यार्थी बाहर निकल गए। साक्षी बाहर खड़ी थी और बोली कॉपी मैने कॉपी निकाल कर उसे दे दिया वो तेजी से आगे निकल गई । और लड़का सब मेरे पास आ गए ।
लड़का : क्या भाई कल बोल रहे थे मैं उसे जनता तक भी नहीं। हु और आज कॉपी दे दिए ।
मैं : भाई मेरे मैं कल तक सच में उसे जनता तक भी नहीं था  और आज वो खुद अपना परिचय दी । और मुझसे भी वो परिचय पूछी मैने बता दिया बस और वो कॉपी मांग ली मैं बोला कक्षा के बाद ले लेना अब वो ले गई बस इतना ही ।
लड़का : चलो भाई ठीक है। खूब मजे करो !

मैं : अरे यार अब मैं कैसे समझाऊं मैं बोल रहा हु ना उसे आज ही परिचय हुआ बस इतना ही ।
लड़का : ठीक है भाई कल मिलते है कक्षा का समय हो गया है ।
मैं : ठीक है।

आज मैं बहुत खुश था की लड़की का परिचय ले लिया
आज सारा दिन उन्ही के बारे में सोच रहा हु की कल कक्षा में जाऊंगा तो क्या बात होगी
वो आयेगी तो क्या मुझे बोलेंगे अगर कुछ बोली तो मैं मैं किस तरह से जवाब दु की उसके दिल में मैं अपना घर बना सकूं तरह तरह के सवाल मन में उनफते थे और अपने आप उसको अपने तरीका से मन ही मन मुस्कुरा कर जवाब भी दे देते थे ।                 

अगले सुबह हो गया है ।
मैं तैयार हो गया हूं बार बार समय देख रहा हु की कब समय नजदीक आए की मैं कक्षा के लिए रवाना हो सकूं ।

समय बीतता गया ।
जब कक्षा जाने का समय हो गया तो दोस्त ने बोला कहा जा रहे हो मैं बोला कक्षा जा रहा हूं
दोस्त : आज तो छुट्टी है ।
मैं : क्यूं ?
दोस्त : क्योंकि आज रविवार है ।
 
           रविवार का नाम सुनते ही मेरे चहरे से सारी मुस्कुराहट चली गई और मैं किताब रख कर बैठ गया ।

 

अगला भाग 3 👉👉👉

अर्ज किया है
वो प्यार ही क्या जिसमें नम न हो ।
वो अदा ही क्या जो मन में ना हो ।।


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