धरती गगन से फासला हमारा
पंक्षी उड़ते सभी जगत जारा
धरती न्यारी हरियाली प्यारी
हम सब हैं एक भाई-भाई
सब मिलकर एकता लाया
बांकी सब है मोह माया
जब हम सब चले एक साथ
धरती गगन भी छूने की करे प्रयास
हम सभी रहे एक समान
तभी तो अपना देश बनेगा महान
#प्रेम #धरती #गगन #कविता
लेखक: शैलेंद्र बिहारी
0 टिप्पणियाँ