परछाई 🪞🪞

 भला जमाने मे कैसे घूम पायेंगे।

ये तो शरीर है जनाब,

भेड़िए भी नोच खायेगे ,

जहा भी जायेगे जनाब,

हर किसी की नजरे खुद पर ही पाएंगे ।।

हम तो लङकी है। जनाब।

परछाई थोड़े ही है।,

जो खुद को गायब कर जायेगे ।।



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