मरी इस नाजुक दिल की धड़कन यानी तुम,
मेरे साथी, हमदम या हमसफर यानी तुम.!!
ये धरती,अम्बर ये बरसात की सरगम यानी तुम,
ये सूरज ये चंदा ये झिलमिल सितारे यानी तुम.!!
सबके लिए लापरवाह, बेमतलब या बेसबब ,
लेकिन मेरे दिल की हर खुशी यानी तुम.!!
एक खामोशी की लहर छाई है हर तरफ,
लेकिन मेरी हर खुशी जिनसे जुड़ी यानी तुम .!!
तुम को सोचूं तो एक तस्वीर सी बन गई,
मेरी हर सफर ये जिंदगी की मंजिल यानी तुम.!!
एक डूबते धड़कनों की सदा कोई सुन न ले,
आने से जिसके बज उठी शहनाई यानी तुम.!!
धड़कन ये दिल से साज़िश करती है,
"प्रिया "की जीने की आरजू सिर्फ तुम.!!
0 टिप्पणियाँ