खुबसूरत है जिंदगी,
एक झरने के तरह,
समेट सकते नहीं कर लो,
चाहे जितने भी जतन,
पल में है दुख तो,
पल में है खुशी,
जिंदगी के हैं जाने,
..कितने ही रंग,
जी भर के जी लो,
हर घड़ी इसके संग,
लौट कर न आयेगा,
ये गुजरा हुआ कल,
प्रेम से ही सींच लो,
कुछ दिन की है जिंदगी,
झरनों सा बह जाएगा,
जिंदगी का ये कल,
फिर वापस नहीं आएगा,
खूबसूरत है ये जिंदगी,
..झरनों की तरफ,
..कठिन है सफर,
..पहाड़ों की तरह,
चट्टानों को चीर के जो,
अपना रास्ता बनाऐगा,
जिंदगी के सफर में,
अपनी मंजिल वही पाएगा.!!
प्रियंका गोविंद राव
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