कटुक वाणी | Hindi Short Poem/ Vaani | Katuk Vaani

 कुछ भी करो 

प्यार में ना मारो 

जिंदगी से अरो

जीता करो 

खुश रहो

खुश रखा करो

ना किसी से डरो 

ना डराया करो 

खुद पे मरो

खुद को बताया करो 

ना किसी से लरो

ना लड़ाया करो 




बीते बातों पर न पछताया करो 

मन की बात किसी को ना बताया करो 


हद से ज्यादा घबराया ना करो 

हर समस्या का हल धीरे से निपटाया करो 


अधिक धन पर घमंड दिखाया ना करो

मीठी वाणी बोल कर सब पर मुस्काया करो 


किसी की बात किसी को बताया ना करो 

बेवजह किसी को सताया ना करो 


जिंदगी अनमोल है उसे व्यर्थ ना गवाया करो 

अत्यधिक बोलकर किसी को गुस्साया ना करो 


लेखक :- Shailendra Bihari 





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